एक अरग स्नान के समय किया जाता है बाकी सभी स्नान कर लेने के बाद किये जाते हैं यह पूजा के दौरान किए जाने वाले विभिन्न दैनिक समारोहों में से एक है। विभिन्न अवसरों पर या दिन के निर्दिष्ट समय पर देवताओं को जल और भोजन या तीर्थम और प्रसादम अर्पित करना दैनिक पूजा में एक महत्वपूर्ण वस्तु है।
जल स्पर्श करते हुये –
“जल ताते, जल सीयरे, जल में मच्छ बैराय
ऐसी गोरी राधिका, नित उठें कार्तिक नहाये पहिने दक्षिण चीर, निर्मल होत शरीर ।।”
मच्छ कुच्छ तुम करो बिहार, तुमको तो बैकुन्ठ बास
हमें राधा कृष्ण की आस, अरग तुम्हारो, धरम हमारो।
तुलसा माई, तुलसा बाप, तुलसा काटे जनम के पाप।
हाथ में कंगन, गले में माल, तुलसी माता को नमस्कार।।
लौंग सुपारी खोपरा, और कनेर का फूल
अरग लेव सूरज महाराजा, निर्मल होत शरीर
अरग हमारो धरम तुम्हारो ।
सावन सूती कार्तिक रूठी, अरग देत बाग में बैठी
कौना के बाजे बाजिए, कौना के परसे थार,
राधा के बाजे बाजिए, दामोदर के परसे थार
कौन अनाए कार्तिक मास, कौन दिये गऊ ग्रास
राधा अनाए कार्तिक मास, कृष्णा ने दिये गऊ ग्रास
पीपर देखी रघुवर, वर देखे कैलाश
श्री कृष्ण जी आउत हैं, पूजे मन का आस ।
नौ तपिया, नौ कांसिया, नौ मानिक भरे समुद्र
तपिया गए आर पार, हम आए हरि के द्वार
तपिया को तप की आस, हमें राधा कृष्ण की आस
अरग तुम्हारो धरम हमारो ।
बारह कोठी बारह द्वार, जामे बैठे मियाँ बिलार
खेलो कोठी, खोलोद्वार, हम आये हैं हरि के द्वार
हरि की नगरी, हरि को द्वार, हरि के लाने करे उपास
हरि को धाये, पायो प्रकाश, जब पायो बैकुन्ठ बास
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आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।