
खंदारगिरि
July 25, 2024
थूवौन जी
July 25, 2024स्थिति
चन्देरी के उत्तर पश्चिम में 15 कि.मी. दूर यह क्षेत्र स्थित है। वस्तुतः अंग्रेजों ने इसे ‘ओल्ड चन्देरी’ कहा था जिसे कुछ लोगों ने गलत अनुवादित कर बूढ़ी चन्देरी नाम दे दिया।
इतिहास
प्राचीन कथानकों के आधार पर पौराणिक कालीन यदुराज श्री कृष्ण के प्रतिद्वन्द्वी ‘चेदिराज’ शिशुपाल की राजधानी यहीं रही है। जिसे वर्तमान में पुरानी या बूढी चन्देरी कहते हैं। यहाँ स्थित मूर्तियाँ बिना किसी. अभिलेख के हैं। परन्तु यह अनुमान लगाया जाता है कि इन्हें कम से कम दो सहस्र वर्ष पूर्व का तो होना ही चाहिये।
पुरातत्वपुरातत्व
इस स्थान पर एक प्राचीन जीर्ण-शीर्ण गढ़ी और जिनालय विद्यमान है। यहाँ की मूर्तियाँ अष्ट प्रतिहार्य युक्त तथा सर्वांगसुन्दर हैं। यह प्राचीन कला- तीर्थ अपनी उच्चस्तरीय शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की अधिकांश मूर्तियाँ चन्देरी के संग्रहालय में प्रदर्शित की गई हैं।
वर्तमान में यह जैन क्षेत्र पूर्ववत नहीं रह गया है केवल कलावशेषों के लिये इसका ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व शेष है।