✕
  • mortgageHome
  • manAbout us
  • encyclopedia_iconEncyclopedia
  • red-carpetEvents
  • galleryGallery
  • newspaperPress Media
  • donationDonation
  • contributeContribute
logo

किसी भी सुझाव के लिए कृपया हमसे संपर्क करें...

  • Our Events
  • Contact Us
✕
  • Our Events
  • Contact Us
mainlogo
  • mortgageHome
  • manAbout us
  • encyclopedia_iconEncyclopedia
  • red-carpetEvents
  • galleryGallery
  • newspaperPress Media
  • donationDonation
  • contributeContribute

BUNDELKHAND BHITTICHITRA (Niwari)

  • Home
  • BUNDELKHAND BHITTICHITRA (Niwari)
for veartical images 2 - 7
आकल्पन तथा रासलीला : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
निकट दृश्य : राजा का जुलूस : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
निकट दृश्य :आकल्पन : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
घुड़सवार कृष्ण : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 निकट दृश्य :आकल्पन : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 गजेन्द्र मोक्ष तथाअन्य गतिविधियों : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 कक्ष की ऊपरी भित्तियो व छत पर किए गए अंकन : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
छत की विभाजित किनारी : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
चतुर्भुजी विष्णु की पुजा करते पुरोहित : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
रासलीला व विभिन्न गतिविधियों में संलग्न स्त्रियां : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
कक्ष की ऊपरी भित्तियो व छत पर किए गए अंकन : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 नारीकुंजर व राग  हिंडोला : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 कृष्ण का वेणुवादन : राजा महल : ओरछा :  सत्रहवीं सदी
 छत पर बने आकल्पन : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 निकट दृश्य : सन्यासी : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
निकट दृश्य :आकल्पन : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
निकट दृश्य : भगवान शंकर : राजा महल : ओरछा : सत्रहवी सदी
निकट दृश्य : सिंह पर सवार देवी : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 निकट दृश्य : कृष्णलीला : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
परशूरम प्रसंग तथा आखाड़े में मल्ल : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 निकट दृश्य : चीरहरण लीला : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी
 हाथी पर घुड़सवार : राजा महल : ओरछा : सत्रहवीं सदी

◄ 1 ... 3 4 5 ... 16 ►
© 2025 All Rights Reserved | Powered by CyberDairy Solutions
Disclaimer | Privacy Policy
BUNDELKHAND BHITTICHITRA (Niwari)
This website uses cookies to improve your experience. By using this website you agree to our Data Protection Policy.
Read more

डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी 

आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।

बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।

डॉ. उषा मिश्र 

सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।

नाम – डा. उषा मिश्रा
पिता – डा.आर.सी अवस्थी
पति – स्व. अशोक मिश्रा
वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट,
कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने,
माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश
मो.न. – 9827368244
ई मेल –
usha.mishra.1953@gmail.com
व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी.
शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।

सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित।
भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।