डॉ. केशनी प्रसाद चौरसिया
September 21, 2024मकबूल अहमद
September 21, 2024जन्म – 1 जनवरी 1931 ई.
जन्म स्थान – महोबा, जिला हमीरपुर
जीवन परिचय –
निधन – 11 मई 2003 ई.
शिक्षा – एम.ए., पी-एच.डी.
पेशा – शिक्षक (महाविद्यालय), सम्पादक मामुलिया पत्रिका (त्रैमासिक)
डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त ने साहित्य की लगभग सभी विधाओं में रचनाएं सृजित की हैं। आपने हिन्दी / बुन्देली में सशक्त लेखन किया है। काव्य , कहानी (चौपड़ गौना और चट्टानें, सोने का पीजन, पैजना के ककरा, गुड़िया आदि। नाटक लिखे। बुन्देली भाषा साहित्य का इतिहास, लोक महाकाव्य आल्हा , बुन्देलखण्ड की संस्कृति आदि कृतियाँ बहुचर्चित है।
उपन्यास – डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त एक बहुप्रतिभा के रचनाकार रहे। आपने दो उपन्यास लिखे हैं-
(अ) आल्हा- आल्हा उपन्यास के लिखने के पीछे डॉ. गुप्त का उद्देश्य “आल्हा कौ का गाइये” जैसी कहावत के परिमार्जन को सोचकर यह उपन्यास को ‘गप्प’ की जगह ‘ऐतिहासिक’ प्रामाणिकता प्रदान कर एक सार्थक प्रयास किया गया। इस उपन्यास की भाषा बुन्देली है और भाव ओज-पूर्ण हैं। यह 1962 ई. में प्रकाशित हुआ।
(ब) राय प्रवीन- डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त का लिखा एक लघु उपन्यास है। जो ओरछा की राज-नर्तकी ‘राय प्रवीण’ के जीवन चरित्र पर आधारित एक चरित्रात्मक आख्यान है।