जो जैसी करनी करे, सो तैसो फल पाय। / बेटी पहुँची राज घर, बाबे बँदरा खाय।।

Example 1:

इसकी एक कथा है कि एक साधू किसी राजा की लड़की को देख कर जस पर मोहित हो गया और उसे प्राप्त करने के उद्देश्य से उसने राजा से कहा कि यह लड़की बड़ी कुलच्छनी है। इसे आप एक कठघरे में बंद करके नदी में बहा दीजिए, अन्यथा इससे आपके राज्य का नाश होगा। साधू की बात मान कर राजा ने ऐसा ही किया। उसी नदी के किनारे जिसमें कठघरा बहाया गया दूर जंगल में साधू की कुटी थी। इसलिए उसने सोचा था कि कठघरा जब बहते-बहते कुटी के सामने पहुँचेगा तो उसे वह बाहर निकाल लेगा, और इस प्रकार बिना किसी कठिनाई के उसे राजकुमारी मिल जायेगी। परन्तु संयोग से इसके पूर्व कि कठघरा उसकी कुटी के दरवाजे पहुँचता वह एक दूसरे राजा के लड़के के हाथ पड़ गया जो उस समय अपने दल-बल के साथ जंगल में शिकार खेलने आया था। कठघरे में राजकुमारी को बैठा देख कर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ। उसका सब हाल सुन कर उसे तो उसने तुरन्त अपने राजमहल में भिजवा दिया और उसके पश्चात कठघरे में उसके स्थान पर एक भयावने बंदर को बंद करके उसे फिर ज्यों का त्यों नदी में छुड़वा दिया। कठघरा जब बहते-बहते साधू की कुटी के सामने पहुँचा तो उसने चेलों की सहायता से उसे बाहर निकाल लिया और चेलों से कहा कि देखो इसके भीतर एक भयंकर भूत बंद है। रात्रि के समय कुटी का दरवाजा बंद करके मैं इसे अपने वश में करूँगा। संभव है उस समय भूत कुछ उपद्रव करे और चीखे- चिल्लाये, तो तुम लोग इसकी कोई चिन्ता मत करना और न कुटी के पास ही आना। चेलों ने ऐसा ही करने के लिए कह दिया। रात्रि होते ही कुटी का दरवाजा बंद करके ज्यों ही साधू ने उत्सुकतापूर्वक कठघरे को खोला तो उसमें से राजकुमारी के स्थान पर क्रोध से खों-खों करता हुआ भयंकर बंदर निकल पड़ा और उस पर टूट पड़ा। कुटी के भीतर से शोरगुल और चीत्कार की आवाज सुन कर चेलों ने समझा कि यह सब भूत की करामात है इस कारण डर के मारे कोई पास नहीं आया। किसी प्रकार रात्रि बीती। प्रातःकाल जब कुटी का दरवाजा खोला गया तो बंदर तो निकल कर भाग गया और चेलों ने देखा कि साधू वहाँ मरा पड़ा है।