तरवन से तौ दमार लगी।
Example 1:
तलवों से तो आग लगी है। इसके पीछे एक कथा है। दो व्यक्तियों का अदालत में जमीन का एक मामला चल रहा था और फैसला मुखिया के बयानों पर निर्भर करता था। जिस दिन अदालत में उसकी गवाही होने को थी, उन दो व्यक्तियों में से एक ने उसे प्रसन्न करने के लिए चुपचाप उसके स्वाफ़े में एक अशर्फी बाँध दी। दूसरे व्यक्ति ने ताड़ लिया कि मुखिया को रिश्वत दी गयी है। तब उसने एक के स्थान पर दस अशर्फियां उसके जूतों में रख दीं। हाकिम के सामने गवाही के लिए पहुँचने पर पहिले व्यक्ति ने अशर्फी की ओर मुखिया का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से कहा - "दाऊजू, स्वाफा में कछू लगौ है, झार के देख लओ जाय।" इस पर दूसरे व्यक्ति ने तुरंत कहा- "अरे तुम स्वाफा की लगायें फिरत। उतै तरवन सें तौ दमार लगी।" अर्थात तुम स्वाफा की बात करते हो। वहाँ तलवों से तो आग लगी है। जब किसी मामले-मुकद्दमें में दो पक्षों में से एक पक्ष के लोग किसी बड़े आदमी या हाकिम को प्रसन्न करके उसे अपने अनुकूल बना ले तब।