तुमाये चाटे तौ रुआँ नई जमत।

Example 1:

तुम्हारे चाटे हुए तो रोम नहीं जमते। तुम जिस पर कृपा करते हो उसका सत्यानाश ही होकर रहता है। व्‍यंग्‍य में।

Example 2:

ढोर स्नेहवश अपने बछड़ों को जीभ से चाटा करते हैं। उसी से कहावत बनी।