दाता देय भंडारी कौ पेट फटै।

Example 1:

मालिक तो देने का हुक्म दे, परंतु खजांची को दुःख हो कि क्यों दिया जा रहा है। दानपुण्य के कार्य में जब कोई बाधक बने, अथवा दूसरे को देने से मना करे तब।