दिवारी के चोंखें पड़ा मोंटो नईं होत।
Example 1:
दीपावली के दिन माँ का दूध चोंखने से पड़ा मोटा नहीं होता। एक दिन अच्छा भोजन कर लेने से कोई तगड़ा नहीं हो जाता।
Example 2:
दीपावली के दिन ढोरों की पूजा होती है। गाय या भैंसों को दुहा नहीं जाता अपितु उनका सब दूध बछड़ों को पिला दिया जाता है। उसी से कहावत बनी।