देख देख कौ चद्दर खूँट। कौन करौंटा बैठे ऊँट।।
Example 1:
न जाने क्या फैसला हो। दो आदमियों में जब झगड़ा हो और लोग यह जानने को उत्सुक हों कि वह किस प्रकार तै होता है तब कहते हैं।
Example 2:
इस पर एक कहानी है कि किसी कुम्हार और कुंजड़े ने एक ऊँट किराये में किया। एक ओर कुम्हार के बर्तन रखे गये और दूसरी ओर कुँजड़े की साग-भाजी। रास्ते में ऊँट बार-बार साग-भाजी में मुँह मारने लगा। तब कुम्हार प्रसन्न हुआ और कहने लगा 'कि चलो अच्छा, मेरा तो यह कोई नुकसान नहीं कर सकता, क्योंकि मेरे तो मिट्टी के बर्तन हैं।' इस पर कुंजड़े ने कहा- 'घबराते क्यों हो। देखें ऊँट किस करवट बैठता है।' संयोग की बात कि, ठिकाने पर पहुँचने पर ऊँट उसी करवट बैठ गया जिधर कुम्हार के बर्तन थे, जिससे वे सबके सब फूट कर चूरचूर हो गये।