देवतन चढ़ी सुहारी1। कूकुर खायँ चाय बिलारी।।

Example 1:

(1-पूड़ी।) जो वस्तु घर से बाहर निकल गयी और दूसरों को दी जा चुकी, उसकी चिन्ता क्या ?