नचनारी के कूले फरकत।

Example 1:

नाचने वाले के कूल्हे फरकते हैं। गुणी आदमी का गुण छिपा नहीं रहता।

Example 2:

उसकी किसी न किसी चेष्टा से वह प्रकट हो जाता है।