पाँख को परेबा करबो।
Example 1:
बात का बतंगड़ बनाना।
Example 2:
"कातन झूठ साँच ना डरतीं, हेरत बींगें धरतीं।/ कैना चूक परौ का कइये, कातन जीब पकरतीं।/ ऐसी पूरी बिना परोजन, आन बीच में परतीं।/ इन खाँ राम दईंना मौतें, सौतें हमें अखरतीं।/ ई ब्रज की ब्रजनारी ईसुर, पांख परेवा करतीं।॥"