पाँच पचासै लै गई, पाँचै लै गई एक। / एक टकौना एकै लै गईं, परी परी दिन लेख।।
Example 1:
ब्याज की लालच में आदमी मूल से भी हाथ धो बैठता है।
Example 2:
कथा- किसी स्त्री के पास पचास रुपये थे। उन रुपयों को उसने सूद पर लगाना चाहा। घर के लोगों से छिपा कर उसने पचास रुपया एक मनुष्य को एक महीने के बादे पर उधार दिये और दस रुपया सैकड़ा की दर से पांच रुपया व्याज के पहिले से ही काट लिये। फिर वह पांच रुपया उसने एक दूसरे मनुष्य को एक महीने के वादे पर दिये और व्याज का एक रुपया काट लिया। इसी प्रकार वह एक रुपया भी उसने एक टका पहिले ही व्याज का काट कर एक तीसरे मनुष्य को दे दिया। परन्तु उन तीनों ही आसामियों में उसका रुपया मारा गया।