पैली ताप तुरइया बसी, खीरा देखें खिलखिल हँसी। / जब लओ फूट कौ नाव, डंका दैकें गेरो गाँव।।
Example 1:
ज्वर का पहला आगमन तुरइया के साथ होता है, खीरा देख कर तो वह बहुत प्रसन्न होता है और फूट का नाम लेते ही डंके की चोट गाँव घेर लेता है। अर्थात क्वाँर, कार्तिक के महीने में तुरइया खीरा और फूट के खाने से ही ज्वर फैलता है। लोक विश्वास।