आगी होती तौ का पाहुनो मूँछें लैकें चलो जातो !

Example 1:

यदि हम समर्थ होते तो कुछ कर न दिखाते !

Example 2:

कथा-कोई स्त्री पड़ौस में किसी दूसरी स्त्री के यहाँ आग लेने गयी। संयोग से उस समय उसके यहाँ आग नहीं थी, साथ ही उसके यहाँ कई दिन से एक मेहमान आया था जो अभी-अभी घर से गया था। उसकी मेहमानदारी से वह झल्लायी बैठी थी, अतः उसने उत्तर दिया- आग घर में होती तो मैं मेहमान की मूंछ न जला देती।