पौनी खों बछिया मारी, गौना सुँगाउत फिरे।
Example 1:
पौनी की रक्षा के लिए बछिया को मारा, बाद में उसे सूत का पूरा बंडल सुंघाते फिरे। मामला जब बिलकुल उल्टा हो जाय, सोचा कुछ और हो, हो कुछ और जाय, तब प्रयुक्त।
Example 2:
कथा- एक बार एक कोरी अपने घर के सामने बैठा बाहर मैदान में चरखा कात रहा था। इतने में पीछे से एक बछिया आयी और चुपचाप एक पौनी मुंह में लेकर भागने लगी। कोरी ने देखते ही गुस्से में उसे एक डंडा उठा कर मार दिया, जिससे बछिया मूर्च्छित होकर गिर पड़ी। कोरी यह देख कर घबरा गया और सोचने लगा कि ऐसा न हो कि बछिया मर जाय तो उल्टी आफत सिर आयेगी। पहिले तो उसने उसे उठाने का प्रयत्न किया। परन्तु जब बछिया किसी प्रकार चेत में नहीं आयी तो यह सोच कर कि यह पौनी की भूखी थी, इसलिए सूत का पूरा बंडल सामने रखने और थोड़ा-बहुत खिलाने से शायद होश में आ जाय, भीतर से एक पूरा बंडल उठा लाया और बार-बार उसे सॅँघाने लगा। परन्तु इससे बछिया को होश क्यों आने चला था। थोड़ी देर बाद अपने आप ही होश में आयी और उठ कर चली गयी।