बरसै कऊँ, पै कड़ै तौ ओरछे के पुल1 तरें हो।

Example 1:

(1-झाँसी-मानिकपुर लाइन पर ओरछा के पास बेतवा पर बना रेल का पुल।) पानी कहीं बरसे पर निकलेगा तो ओरछे के पुल के नीचे होकर ही। अर्थात कोई बात यदि कहीं हुई है तो वह कभी न कभी स्वयं सामने आयेगी ही। उसके लिए चिन्तित होने की आवश्यकता क्या ?