बाप-बेटा की बरात, मताई-बिटिया गौरैयाँ1।
Example 1:
(1-विवाह उत्सवादि के अवसर पर विशेष रूप से भोजन के लिए आमंत्रित की जाने वाली बिरादरी की सधवा स्त्रियाँ, गौर।) लड़के के विवाह में पिता-पुत्र तो बराती बनें, और माँ-बेटी गौर। जहाँ कोई काम अकेले ही कर लिया जाय और मित्रों को न पूछा जाय वहाँ कहते हैं।