आप जायँ अदियाँ, परोसी जायँ सबियाँ।

Example 1:

अपने किसी कार्य की स्वयं उपेक्षा की जाय तो पड़ोसी तो उसमें बिलकुल ही रुचि नहीं दिखायेंगे।