बिपत बिरोबर सुख नहीं जो थोरे दिन की होय। / बिप्र परौसी अजय घन, बिटियन कौ दरबार। / ऐते पै धन ना घटे पीपर राखो दुआर।। / बिप्र, बै

Example 1:

दु:ख और विपत्तियों की परिस्थितियां।