भली भई जिजी सासरें गईं, जिजी की फरिया मोई कों भई।

Example 1:

ननद के रहते उसकी किसी वस्तु को छूना भी कठिन होता है। इसलिए उसके ससुराल चले जाने पर भावज प्रसन्न होकर कहती है कि, चलो अच्छा हुआ जिजी चली गयीं। उनकी साड़ी तो अब मुझे पहिनने को मिलेगी।