भाँड़ी भई है तौ दो छाबें और सई।
Example 1:
बात बिगड़ी है तौ दो छबले और सही। अर्थात बदनामी ही जब हुई है तो व्यर्थ खर्च क्यों किया जाय ?
Example 2:
किसी सज्जन के यहाँ विवाह में पूड़ियां कम पड़ गयीं। परोसने वालों ने भीतर भंडारे में आकर कहा कि 'भाँड़ी हो रही है' अर्थात बात बिगड़ रही है। इस पर भंडारे में जो आदमी था उसने कहा- 'अच्छी बात है, भाँड़ी जब हो ही रही है तो पूड़ियों के दो छबले जो तुम वापिस लाये हो, यहीं रख दो। थोड़ी और भाँड़ी हो जायगी।'