रई बात थोड़ी, जीन लगाम घोड़ी।
Example 1:
कोई व्यक्ति नाममात्र की वस्तु के मिलने से फूल उठे तब उसके प्रति व्यंग्य में।
Example 2:
किसी व्यक्ति को रास्ते में एक चाबुक पड़ी मिल गयी। इस पर उसने प्रसन्न होकर कहा- कि बस अब क्या है, जीन, लगाम, घोड़ी की कसर और रह गयी। चाबुक तो मिल गयी।