राँड़ें रोवें सेर सेर, ऐबाती1 रोवें दो दो सेर।

Example 1:

(1-अहवाती, सधवा।) दुखियों का रोना ठीक है, परन्तु जो सुखी हैं वे भी रोयें तो यह आश्चर्य की बात है। अथवा संसार में कोई सुखी नहीं। दुखी तो रोते ही हैं, सुखी उनसे भी अधिक रोते हैं।