सूरदास की कारी कामर चढ़ै न दूजौ रंग।

Example 1:

जैसे काली कंबली पर दूसरा रंग नहीं चढ़ता उसी तरह किसी आदमी के जन्मजात स्वभाव को बदला नहीं जा सकता।

Example 2:

सूरदास खल कारी कामरि चढ़ै न दूजौ रंग।