एक पंथ दो काज।

Example 1:

किसी एक काम के लिए जाने पर दूसरा काम बनना अथवा दुहरा लाभ होना।

Example 2:

चलो सखी वहँ जाइये जहाँ मिलें ब्रजराज। गोरस बेचन हरि मिलन एक पंथ दो काज।।