कातिक भोर दिवारी, ठेलमठेल करै ब्‍यारी।

Example 1:

कातिक बीतने के बाद खूब भर पेट ब्यालू करै तौ भी उससे कोई हानि नहीं होती, क्योंकि रातें बड़ी होने से भोजन पच जाता है।