कानी अपनो टेंट1 तौ निहारं नई, औरन की फूली2 पर पर झाँके।
Example 1:
(1.आंख पर का उभरा मांस-पिड। 2.आँख पर का सफेद धब्बा जो चोट लगने अथवा चेचक में आंख के नष्ट होने पर पैदा हो जाता है।) कानी- अपना टेंट तो देखती नहीं, दूसरे की फुली लेट-लेट कर झाँकती है। स्वयं अपना बड़ा दोष न देख कर दूसरे की साधारण त्रुटि को देखते फिरना।