खाईं गकरिया1 गाये गीत। जे भग चले चैतुआ2 मीत।।
Example 1:
(1-हाथ की बनी छोटे आकार की मोटी रोटी, बाटी। 2-चैत की फसल काटने वाले मजदूर, जो फसल के दिनों में झुंड के झुंड बाहर निकलते हैं, जहाँ तक काटने के लिए खड़ी फसल मिलती है आगे बढ़ते जाते हैं और कटाई का काम समाप्त हो जाने पर फिर घरों को लौट जाते हैं।) स्वार्थी अथवा निर्मोही व्यक्ति के लिए प्रयुक्त।
Example 2:
दिन चार कौं प्रीत लगाकें धनी, अब जे भले चैतुआ मीत चले। - कवि जुगलेश