गुर में होयँ सवा, तऊ न करै रवा। नोन में होयँ पौन, तऊ न छाँड़े नौन।।

Example 1:

गुड़ में यदि सबाये भी होते हों तो भी उसे खरीद कर न रखे, परन्तु नमक में रुपये के बारह आने भी होते हों तौ भी उसका संग्रह करे, इसलिए कि गुड़ को चींटे खा जाते हैं, ग्राहक भी एक-एक डली करके उठा लेते हैं। जबकि नमक में नष्ट होने की ऐसी कोई संभावना नहीं रहती।