गोबर गिरत तौ कछू लेई कें उठत।

Example 1:

गोबर गिरता है तो कुछ लेकर ही उठता है। उसमें जमीन की मिट्टी लग जाती है। जब कोई आदमी विवश होकर किसी के सामने झुकता है, अथवा किसी को कोई सुबिधा प्रदान करता है, तो उससे भी वह अपना कोई न कोई मतलब निकाल ही लेता है।