गौर रूठें तौ अपनी सुहाग लें, का कोऊ कौ भाग लें (एँ)।
Example 1:
गौर रूठेंगी तो अपना सुहाग लेंगी, क्या किसी का भाग्य लेंगी ?
Example 2:
जब कोई व्यक्ति घर के किसी आदमी से अनुचित रूप से अप्रसन्न होता है अथवा अपने किसी आश्रित या नौकर से नाराज होकर उसे निकालने की धमकी देता है तब अपनी स्वाधीनता प्रकट करने के लिए वह आदमी अपने आगे कहता है कि नाराज होते हैं बला से गौर रूठेंगी तो...।