घरई की अछरू माता, घरई के पंडा।

Example 1:

जब कोई व्यक्ति आपस वालों से अनुचित लाभ उठाये, अथवा जहाँ मालिक और नौकर एक दूसरे की सलाह से कोई चीज दूसरों को दे रहे हों वहाँ प्रयुक्त।

Example 2:

अछरू माता का मंदिर वर्तमान मध्यभारत के टीकमगढ़ जिले के पृथ्वीपुर नामक स्थान में है। यहाँ प्रतिवर्ष बड़ा मेला लगता है। यह स्थान अपने एक जलाशय के लिए प्रसिद्ध है जिसके संबंध में कहा जाता है कि पंडा से प्रसाद में जो वस्तु माँगो वही उसमें तैर कर ऊपर आ जाती है। इसी से कहावत की सार्थकता है। मंदिर अछरू माता का इसलिए कहलाता है कि उसे अछरू नाम के किसी अहीर ने बनवाया था।