अपनी लार तौ सिमटत नइयाँ जगत्तर कौ भारौ बाँदें।

Example 1:

अपनी लार तो सिमटती नहीं, जगत का भार उठाने को तैयार हैं।

Example 2:

अपना काम तो बनता नहीं, दूसरे का करना चाहते हैं।