जीवन परिचय – बरसैंया जी म.प्र. शिक्षा विभाग में कार्यरत रहते साहित्य सेवा करते रहे। आप वास्तव में काव्य के छन्दाचार्य रहे।
शिक्षा – एम.ए. साहित्य रत्न
आपके प्रणीत ग्रंथ इस प्रकार हैं-
काव्य-चरित्र – चंद्रिका तथा श्रृंखला, प्रणय सरोवर, प्रेमोच्छवास, नीरवगीत, स्वप्न सिन्धु और वात-चक्र अप्रकाशित हैं। बदलती छाया : निखरता रूप , दिग्भ्रम (निबंध) , मेरा जीवन कंटक पथ पर (आत्म कथा) , छंद क्षीरधि (पिंगल शास्त्र का अनुशीलन)
उपन्यास – चट्टान और तूफान निखरता रूप यह एक सामाजिक उपन्यास है जिसमें सामाजिक दूषणों के घात-प्रतिघातों के प्रहार से जूझता मनुष्य किस प्रकार एक चट्टान की तरह अडिग खड़ा रह कर दोषों-अमानवीय कृत्यों के विवर्तों से समाज को इनसे लड़ने को जागृत कर विजय प्राप्त करता है। इसकी शैली व सम्वाद उत्कृष्ट है। उपन्यास के पात्र कल्पित क्षेत्रीय परिवेश के हैं। इनकी भाषा भी सरल एवं सम्प्रेषणीय है। शेखर इस उपन्यास का नायक है तथा सरला नायिका है। अन्य पात्र इन्हीं के इर्द-गिर्द अपनी भूमिका निभाते दिखाई देते हैं। शैली प्रभावशाली है जिसका शुभारम्भ दृष्टव्य है। “केन के पुल को पार करती हुई कार पन्ना की ओर जा रही थी। नदी के दोनों ओर सघन वृक्षों की पंक्ति देखते हुये शेखर की आँखें प्रकृति की मनोरम घटा में उलझी हुई लकीर सी किनारे की ओर समकोण बना रहीं थी। आदि , सम्वाद – भयंकर तूफान – एक चट्टान उपन्यास के सम्वाद पात्र व परिस्थितियों के सानुकूल हैं। देखिये-
(1) सरला ने रोते हुये कहा- “पिता जी आपने अपने मालिक के साथ विश्वासघात किया था। आप अपने मालिक के बेटे को बर्बाद करने के लिये भयंकर तूफान बन गये पर शेखर का दिल आज भी आपके लिये खुला है। आगामी पीढी स्वार्थ के लिये व्यक्तिगत धन के लिये संघर्ष न करके अपने राष्ट्र के लिये संघर्ष करे। आगामी पीढ़ी में समता उत्पन्न हो। शिवशंकर (पिता) बोले- हाँ बेटी तुम ठीक कहती हो। मेरे दिल का बोझ इससे हल्का हो गया।
उपन्यास का समाहार संदेशात्मक है- “शेखर ने दूसरों के लिये कष्ट झेले, समाज को भी अन्याय की गिरफ्त से छुटकारा दिलाने हेतु संघर्ष किया। आखिर भयंकर तूफान हार गया और एक चट्टान अडिग अपनी जगह पर खड़ी रही। सामंत शाही का अंत हो गया, समता, स्वतंत्रता, न्याय, सौजन्य, सहयोग और परस्पर प्रेम का परिमल जनमानस के अन्तः स्थल को आनन्द से विभाेर कर उठा। इस प्रकार स्वातंत्र्योत्तर काल की सामाजिक दशा का चित्रण कर उसे एक निश्चित दिशा यह उपन्यास प्रदान करता है। जिसका प्रकाशन सन् 1995 ई. में हुआ।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।