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प्रोफेसर डॉ. सरोज गुप्ता
अध्यक्ष हिन्दी विभाग,
पं दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय सागर (मध्य प्रदेश)
मातृभाषा बुन्देली पर शोध कार्यरत
बुन्देलखण्ड के साहित्य और संस्कृति के प्रति समर्पित, सतत् सक्रिय। अपने रचनाकर्म और प्राध्यापकीय कार्य के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी तत्पश्चात राष्ट्रीय कैडेट कोर की कम्पनी कमाण्डर के रुप में बारह वर्षों तक समर्पित भाव से सक्रिय। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल व दिल्ली के महत्वपूर्ण माइनर,मेजर प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक निर्वहन।
राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों ,वेबिनारों में संयोजक, व सचिव के रूप में श्रेष्ठ संयोजन। प्रामाणिक वृहद बुंदेली शब्दकोश -उत्तरप्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ द्वारा प्रकाशित।
कालचक्र,ब्रह्मवादिनी, सूर्या सावित्री-काव्यसंग्रह,सृजन के आलोक में, मूल्य संचेतना विविध आयाम,सृजन और समीक्षा ,हमारा बुंदेलखंड,लोक जीवन में बुंदेलखंड,लोक साहित्य और सांस्कृतिक चेतना, विश्व भाषा साहित्य और रामकथा, वैश्विक जीवन मूल्य और भाषा ,अतुल्य भारत संस्कृति और राष्ट्र, अध्यात्म और विज्ञान,आजादी की आग, ईश्वर का प्रतिरुप मां,अनन्त आकाश हमारे – सहित पैंतीस पुस्तकों का सम्पादन कार्य। राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय जर्नल्स , पुस्तकों में शतश: शोध-पत्रों का प्रकाशन। कश्मीर शैविज्म पर शोधकार्यरत , ईश्वर आश्रम ट्रस्ट श्रीनगर एवं दिल्ली से सम्बद्ध। ११ शोधार्थी पीएचडी उपाधि प्राप्त,पांच शोध कार्यरत।
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए महादेवी स्मृति सम्मान-हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, बुंदेलखंड कनेक्ट सम्मान, साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा, बुंदेली वैभव सम्मान, हिन्दी लेखिका संघ भोपाल, तुलसी मानस प्रतिष्ठान भोपाल, महर्षि अगस्त्य अलंकरण,बुन्देली शब्द साधना, साहित्य निधि सम्मान सहित कई गरिमामय मंचों से सम्मानित।
सम्प्रति-अध्यक्ष हिन्दी विभाग
पं दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य (अग्रणी) महाविद्यालय सागर (म प्र) पिनकोड-470001
सम्पर्क–स्नेहनगर, मधुकरशाह वार्ड, सीमा कालोनी सागर
दूरभाष–7000696501,9425693570
ईमेल –sarojgupta1234@gmail.com
वेवसाईट–www.sarojgupta.com
सचिन चतुर्वेदी
बुन्देलखण्ड विश्वकोश की सोसाइटी में सचिव पद पर रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बाँदा में जन्में सचिन चतुर्वेदी ने अपनी जन्मभूमि को ही कर्मभूमि बनाया और वर्ष 2013 में अपने सहयोगी के साथ मिलकर “बुन्देलखण्ड न्यूज़” की शुरूआत की। इनके सम्पादन में बुन्देलखण्ड न्यूज ने उत्तर प्रदेश के साथ साथ मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अपनी पहचान तो स्थापित की ही, साथ ही बुन्देलखण्ड के पहले व सबसे अधिक प्रसार संख्या वाले हिन्दी डिजिटल न्यूज़ चैनल के रूप में कीर्तिमान स्थापित किया। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए बाँदा में ब्लड डोनेशन के लिए एक अभियान भी शुरू किया, जो “रेड क्लब” के नाम से यहां ब्लड के लिए परेशान लोगों के लिए एक आशा की किरण है। इसके अलावा उनका सक्रिय योगदान बुन्देलखण्ड में कृषि जागरूकता, जल संरक्षण, पर्यटन, जनसमस्याओं के निराकरण तथा व्यापारिक उन्नति के लिए भी रहा है। मूलतः एक लेखक के साथ वह सफल ऑन्टरप्रन्यॉर भी हैं। इनोवेटिव आईडियाज़ के लिए उनकी कम्पनी “टीम इनोवेशन” इस क्षेत्र में काफी प्रगति कर रही है। फिलहाल वो बुन्देलखण्ड विश्वकोश की सोसाइटी में सचिव पद पर रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।
डॉ. आशीष द्विवेदी
पिछले पच्चीस वर्ष से मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण, लेखन से जुड़े हैं। सागर विश्वविद्यालय से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर, पीएचडी हैं। पत्रकारिता करियर की शुरुआत दिल्ली में जनसत्ता से प्रशिक्षण के साथ की। फिर नवभारत भोपाल के संपादकीय विभाग से जुड़े रहे।
संक्षिप्त परिचय
डा. आशीष द्विवेदी पिछले पच्चीस वर्ष से मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण, लेखन से जुड़े हैं। सागर विश्वविद्यालय से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर, पीएचडी हैं। पत्रकारिता करियर की शुरुआत दिल्ली में जनसत्ता से प्रशिक्षण के साथ की। फिर नवभारत भोपाल के संपादकीय विभाग से जुड़े रहे।
2003 में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के संस्थापक रहे। देश के प्रतिष्ठित लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय ग्वालियर में ही खेल पत्रकारिता विभाग की शुरुआत भी की। पांच बरस तक वहां अध्यापन के उपरांत सागर में 2008 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से संबद्ध इंक मीडिया पत्रकारिता संस्थान प्रारंभ किया।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से जनसंचार एवं पत्रकारिता में रिफ्रेशर कोर्स भी किया। उनके सैकड़ों छात्र देश के प्रतिष्ठित मीडिया समूह में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। देश के पच्चीस से ज्यादा विश्वविद्यालय में व्याख्यान, शोध पत्रों का वाचन। उनकी तीन पुस्तकें राष्ट्रीय दायित्व और हिंदी पत्रकारिता, खेल पत्रकारिता के आयाम और संवाद शास्त्र प्रकाशित हो चुकी हैं।
डा. द्विवेदी को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु मास्टर बल्देव प्रसाद सम्मान, पं जयनारायण मिश्र सम्मान भी मिल चुके हैं।
विनोद मिश्र सुरमणि
सांस्कृतिक एवं साहित्यिक नगरी दतिया में आपका जन्म 22 जुलाई 1966 को हुआ । आपके पिता पंडित महेश मिश्र मधुकर मध्यप्रदेश के सुप्रसिद्ध साहित्यविद और संगीतज्ञ थे। आपके दादा स्वर्गीय पंडित नारायण दास मिश्र दतिया राजघराने के चित्रकार थे । विनोद मिश्र ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से संगीत विषय में स्नातकोत्तर उपाधि अर्जित की तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर की डिग्री प्राप्त कर संगीत के क्षेत्र में सेवायें दीं।सन 1990 में सुर सिंगार संसद बंबई द्वारा सुरमणि की उपाधि से आपको मुंबई में अलंकृत किया गया । बुंदेलखंड की चित्रकला पर “चतेउर” और बुंदेलखंड की माटी कला 2010 , पर्यावरण नाटकों पर “बरगद का न्याय” आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हैं।आपने सिजनार, लिखनार दतिया एकादश , डॉ मानस विश्वास स्मृति ग्रंथ का संपादन किया है। विनोद मिश्र बुंदेलखंड की लोक परंपरा और संस्कृति और साहित्य में समर्पित भाव से लगे हैं आपने यहाँ के पुरातत्व और इतिहास को लेकर कार्य किया है। फलस्वरूप आप भारतीय सांस्कृतिक नीति इंटेक के दतिया संयोजक हैं ।आपके द्वारा पूज्य पिताजी की स्मृति में अखिल भारतीय स्तर पर मधुकर समारोह का आयोजन किया जाता है । बुंदेली साहित्य के प्रति आपने कवि पंचायत ,पंच कवि आओ, गीत सुनें जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रमों का आयोजन किया है ।आपको अनेकों संस्थाओं ने सम्मानित एवं पुरस्कृत किया । दीप शिखा मंच दतिया द्वारा तैयार बुंदेलखंड के लोकनाथ हरदौल, सुंदरिया, छत्रसाल ,नाटक जारी है गणेश कुवरि, प्रवीण राय नाटकों में आपने संगीत प्रदान किया है।
पता संगीत गुरुकुल पकोरिया महादेव दतिया म प्र। Mob 9893437616/9425742748
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा
पिता – डा.आर.सी अवस्थी
पति – स्व. अशोक मिश्रा
वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट,
कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने,
माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश
मो.न. – 9827368244
ई मेल –
usha.mishra.1953@gmail.com
व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी.
शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित।
भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।
श्री वीरेन्द्र त्रिपाठी
बुन्देली एवं हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार,कवि पत्रकारिता के क्षेत्र में अनेक सम्मान प्राप्त।
श्री वीरेन्द्र त्रिपाठी
पिता/पति का नाम- स्व हरगोविंद त्रिपाठी’ पुष्प ‘
स्थाई पता- पृथ्वीपुर
वर्तमान पता-पृथ्वीपुर जिला निवाडी
मोबाइल नं.- 7987101090
ईमेल-orchhatimes@gmail.com
व्यवसाय- पत्रकारिता
पद एवं संस्थान- संपादक दैनिक ओरछा टाइम्स जवाहर चौक टीकमगढ
शैक्षिक योग्यता- एम ए हिन्दी
अन्य योग्यता- एल एल वी
डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ प्रणव देव
प्रोफेसर, इतिहास विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झालावाड़।
उच्च शिक्षा- इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयाग, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, आगरा विश्वविद्यालय आगरा और दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली से संपन्न।।
विगत 27 वर्षों से सतत रूप से इतिहास विषय का स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं का अध्यापन एवं 30 वर्षों से अधिक का शोध अनुभव।।
सन 2002 से महर्षि दयानंद सरस्वती सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर और तत्पश्चात कोटा विश्वविद्यालय कोटा की स्थापना से ही शोध पर्यवेक्षण का अनुभव।।
अब तक आपके शोध पर्यवेक्षण में 6 शोधार्थी पीएचडी तथा 6 शोधार्थी एम फिल की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। क्षेत्रीय इतिहास में आपकी विशेष रूचि है। अब तक 79 शोध पत्र/आलेख/बुक चैप्टर और और 11 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं।75 राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में शोध पत्र प्रस्तुतीकरण । एकेडमिक कार्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय सेवा योजना में जिला समन्वयक और जिला स्तरीय चुनाव प्रशिक्षक के रूप में विगत एक दशक से भी अधिक समय से सक्रिय हैं और गणतंत्र दिवस पर आपको जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
डॉ कुंकुम गुप्ता
अध्यक्ष, हिन्दी लेखिका संघ मध्यप्रदेश
शैक्षिक योग्यता – स्नातकोत्तर ( हिन्दी ), बी., एड. सुभद्राकुमारी चौहान पर शोध कार्य
अन्य योग्यता – म. प्र. पाठ्य पुस्तक निगम में पुस्तक लेखन में सहभागिता
पूर्व में वाणिज्य मंत्रालय में हिन्दी सलाहकार समिति की सदस्य
उपलब्धियां –
प्रकाशित पुस्तकें –
1-दो बाल गीत संग्रह
2-दो कविता संग्रह
3- लघुकथा संग्रह
4-सुभद्राकुमारी चौहान और राष्ट्रीय चेतना
5-बुंदेली रामायण (साझा संकलन )
6-बुंदेली काव्य संग्रह ( प्रकाशनाधीन )
7- लगभग 40 संकलनो में रचनाएँ संग्रहीत
बुंदेलखंड के लिए किया गया विशेष कार्य – विशेष नहीं
समाजसेवा में योगदान –
1-सरोजनी नायडू महिला महाविद्यालय में जनभागीदारी समिति की सदस्य
2- सरस्वती शिशु मंदिर में 10 वर्ष तक अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष के रूप में दायित्व निर्वहन
विशेष जानकारी – मॉरीशस और लंदन की साहित्यिक यात्राएं
गौरीशंकर रंजन
रंगमंच एवं फिल्म, टी.वी. निर्देशक
आपका जन्म 2 मई 1969 में बुंदेलखंड के बांदा जिले मैं बिसंडा के पास कैरी गांव में हुआ आपके पिता पशु चिकित्सक थे । सन 1979 मैं पूरी तरह से चिरगांव जिला झांसी में रहने लगे और यहीं पर प्रारम्भिक आरंभ की । बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद आपने दिल्ली से श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स से अभिनय एवं भारतेंदु नाट्य अकेडमी लखनऊ से रंगमंच विधा में प्रशिक्षण प्राप्त किया । आपने श्री राम सेंटर रंगमंडल दिल्ली , साहित्य कला परिषद रंगमंडल दिल्ली एवं भारत सरकार के गीत एवं नाटक प्रभाग दिल्ली में बतौर अभिनेता कार्य किया।
लगभग 60 से अधिक नाटकों में अभिनय और 30 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया है, जिसका मंचन देश के भिन्न-भिन्न स्थानों पर 200 से अधिक बार हो चुका है। देश के लगभग 50 से अधिक रंग जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ कार्य किया है।
सन 2000 से मुंबई में बतौर सहायक निर्देशक कार्य किया और 2009 से बतौर निर्देशक विभिन्न चैनल के लिए अब तक तकरीबन 1500 एपिसोड निर्देशित कर चुके हैं। साथ ही बुन्देलखण्ड की लोक कला संस्कृति और साहित्य के संरक्षण-संवर्धन के लिए https://bundeliijhalak.com/ वेबसाट के माध्यम से बुंदेलखंड ही नही अपितु देश- विदेश मे बुंदेली संस्कृति को जन-जन तक पहुचाने का प्रयास कर रहे हैं और साथ ही रंगमंच और फिल्म मेकिंग की विधाओं का आन लाईन/आफ लाईन प्रशिक्षण एवं अपनी वेबसाईट https://filmsgear.in/ से रंगमंच एवं फिल्म मेकिंग की जानकारी , मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश कर रहे हैं ।
बुंदेली लोक विधा “रावला” पर आधारित लोक नाट्य को प्रयोगात्मक एरिना रंगमंच पर प्रदर्शन करने हेतु शोध चल रहा है।
डॉ. आशीष कुमार तिवारी
*सन 2008 से 2010 तक नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय,ललितपुर (उ.प्र) में हिंदी विभाग में सहा.प्राध्यापक
*2010 से 2019 तक राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त महाविद्यालय,चिरगांव झाँसी (उ.प्र) में हिंदी विभाग में सहा.प्राध्यापक पद पर।
*सन 2019 से अद्यतन श्री कृष्णा विश्वविद्यालय,छतरपुर (म.प्र) में हिंदी विभाग में सह.प्राध्यापक पद पर कार्यरत है तथा विभाग के अध्यक्ष पद पर ।
परिचय
डॉ. आशीष कुमार तिवारी
जन्मतिथि-01/07/1982
जन्म स्थान- पठा, गुरसराँय झांसी(उ.प्र)
पिता-श्री ठाकुरदास तिवारी
माता-श्रीमती अखलेश कुमारी
पत्नी-श्री मति माधुरी तिवारी
पुत्र-तनिष्क तिवारी
शिक्षा-
*बी.ए व एम.ए (हिंदी साहित्य) प्रयागराज विश्वविद्यालय (उ.प्र)से,
*बी.एड बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी (उ.प्र)से
*एम.फिल लखनऊ विश्वविद्यालय(उ.प्र)
*पी-एच.डी जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर (म.प्र)से ग्रहण की।
अध्यापन कार्य-
*सन 2008 से 2010 तक नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय,ललितपुर (उ.प्र) में हिंदी विभाग में सहा.प्राध्यापक
*2010 से 2019 तक राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त महाविद्यालय,चिरगांव झाँसी (उ.प्र) में हिंदी विभाग में सहा.प्राध्यापक पद पर।
*सन 2019 से अद्यतन श्री कृष्णा विश्वविद्यालय,छतरपुर (म.प्र) में हिंदी विभाग में सह.प्राध्यापक पद पर कार्यरत है तथा विभाग के अध्यक्ष पद पर ।
साहित्यक गतिविधियां-
*दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञ के रूप में तथा 20 से अधिक संगोष्ठियों में प्रतिभागी के रूप में प्रतिभाग किया है।
*हिंदी विषय के विभिन्न शीर्षकों के35 से अधिक शोध पत्र,काव्य-रचनाएं राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं में एवं आलेख दैनिक पत्रों में प्रकाशित हो चुके है।
पुस्तकों का प्रकाशन-
(1).’आशदीप’ काव्य संग्रह का प्रकाशन सन 2021 में शैलजा प्रकाशन कानपुर से।
(2) साये में धूप (ग़ज़ल संग्रह):विशेष अध्ययन का प्रकाशन सन 2021में अतुल प्रकाशन, कानपुर से।
(3) प्रयोजनमूलक एवं कार्यालयी हिंदी- पुस्तक का प्रकाशन सन 2023 में माया प्रकाशन कानपुर से।
(4).हिंदी साहित्य का आधुनिक इतिहास-
इस पुस्तक का प्रकाशन सन 2023 में माया प्रकाशन कानपुर से।
(5)हिंदी काव्य- पाठ्य पुस्तक का प्रकाशन इसी वर्ष सन 2024 में काव्य कुमुद प्रकाशन नई दिल्ली से ।
सम्मान/पुरस्कार-
*गीना प्रकाशन भिवानी हरियाणा द्वारा ‘श्रीमती गीना देवी स्मृति बाल साहित्य सम्मान 2021’.
*आधृत पब्लिकेशन हाउस द्वारा ‘अभ्युदय लेखक सम्मान 2021’.
*प्रेम सुधा पहल मासिक पत्रिका द्वारा ‘स्वर्णिम साहित्यकार सम्मान 2022’.
*राज श्री साहित्य अकादमी द्वारा ‘राज श्री साहित्य हिंदी गौरव सम्मान 2022’.
*राज श्री साहित्य अकादमी द्वारा राज श्री साहित्य काव्य भूषण सम्मान 2022′.
*सृजन प्रकाशन बूंदी राजस्थान द्वारा ‘राष्ट्रभाषा प्रहरी सम्मान 2023’.
*Worthly Wellness Foundation द्वारा
‘राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान 2024’.
विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में संपादकीय परामर्श मंडल-
*प्रमाण-ISSN:2249-2976
*चिन्तन-ISSN:2229-7227
*स्वदेशी-ISSN:2319-703X
*शोध-ऋतु ISSN:2454-6284
*शोध साहित्य इ.जर्नल-E-ISSN:2584-2447
डॉ. संगीता सुहाने
डॉ. संगीता सुहाने स्वामी विवेकानन्द विश्वविद्यालय, सागर(म.प्र.) के हिंदी विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
डॉ. संगीता सुहाने,बडागांव, झांसी(उ.प्र.)में जन्मी, कर्मभूमि सागर में ‘बुन्देली कहावतों व लोकोक्तियों पर मनोवैज्ञानिक अध्ययन । पिता श्री बुद्धिप्रकाश सरावगी मर्मज्ञ विद्वान एवं इतिहास विशेषज्ञ की विरासत को संजोने में तत्पर । लम्बे समय से बुन्देली साहित्य,संस्कृति की साधना में संलग्न हैं। अनेक राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता कर “हमारा बुन्देलखण्ड”,”लोक जीवन में बुन्देलखण्ड” लोक साहित्य और वैश्वीकरण सहित कई पुस्तकों का संकलन व संपादन कर चुकी हैं।राष्ट्रीय स्तर के अनेकों सम्मानों से सम्मानित,डॉ. संगीता सुहाने स्वामी विवेकानन्द विश्वविद्यालय, सागर(म.प्र.) के हिंदी विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
मोबाइल न.7869970150
डॉ. हरिमोहन गुप्ता
बुन्देलखंड विश्वकोश योजना समिति के सक्रिय सलाहकार, मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।
डॉ हरिमोहन गुप्ता , वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी,गृह विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के फारेन्सिक लैव सागर से सेवा निवृत्त होकर समाज सेवा में सतत् सक्रिय हैं।साहित्यिक नगरी चिरगांव में जन्म, शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर और कर्मभूमि सागर के स्थायी निवासी हैं। शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस, संगोष्ठियों में सहभागिता, मिनिस्ट्री आफ होम अफेयर, गृहविभाग द्वारा आयोजित वर्कशॉप के साथ पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी सागर में आई पी एस,डी एस पी एवं अन्य प्रशिक्षुओं को फारेन्सिक विषय सम्बंधित व्याख्यान देकर विषय विशेषज्ञ के रुप में विख्यात रहे। वर्तमान समय में बुन्देलखंड विश्वकोश योजना समिति के सक्रिय सलाहकार, मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।