श्री बाबूलाल गुप्त
September 16, 2024श्री नाथूराम साहू
September 16, 2024जन्म – 2 मई सन् 1919
जन्म स्थान – ग्राम मनौली
ग्रन्थ – आपके ‘इन्दिरा दशक दीपिका’, झाँसी की रानी, खसो खाशाक दास (उर्दू) तीन काव्य ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं तथा (1) कल्पलता (स्फुट संग्रह) (2) मेघदूत (अनूदित) (3) खय्याम दर्शन (4) रम्भा शुक सम्वाद प्रभृति ग्रन्थ अप्रकाशित हैं।
जीवन परिचय – कविवर भगवती शरण ‘दास’ का जन्म कायस्थ परिवार में उ.प्र. के सुल्तानपुर जिले की मुसाफिर खाना तहसील के अन्तर्गत ग्राम मनौली में सन् 1919 की मई माह की 2 तारीख को हुआ था। आपके पिता स्वनाम धन्य स्व. गंगादीन लाल थे। ‘दास’ जी संप्रति 1362 ई. गोंदू कम्पाउण्ड सिविल लाइन्स झाँसी में निवास कर रहे हैं। आपने बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की है। आपकी आजीवन अध्ययन मनन एवं काव्य सृजन की प्रवृत्ति रही उसी का परिणाम है कि हिन्दी के साथ ही संस्कृत एवं उर्दू में भी आपने विशेष ज्ञान अर्जित कर इन तीनों में समान रूप से उत्कृष्ट काव्य – सृजन किया है जो सामान्य कवि और शायर के लिए ईर्ष्या की वस्तु है। आपकी प्रथम काव्य रचना सन् 1933 में लिखी गयी थी। दास जी के काव्य में अद्वैतवाद की झलक है। उन्होंने अंग्रेजी एवं संस्कृत की कविताओं के जो हिन्दी अनुवाद किये हैं उनमें मूल काव्य की भाव संपदाओं का पूर्ण संरक्षण हुआ है तथा रस निष्पत्ति में किंचित न्यूनता नहीं आने पाई है।
दास जी की रचनाओं से परिलक्षित होता है कि वे देश की वर्तमान अवस्था से सन्तुष्ट नहीं हैं क्योंकि स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात देश में पूँजीवाद की अभिवृद्धि हुई है और जन सामान्य का शोषण। किन्तु वे निराशावादी नहीं हैं उनका विचार है एक दिन ऐसा आयेगा कि जब व्यवस्था में आमूल परिवर्तन होगा।