ग्रन्थ – आपके ‘इन्दिरा दशक दीपिका’, झाँसी की रानी, खसो खाशाक दास (उर्दू) तीन काव्य ग्रन्थ प्रकाशित हो चुके हैं तथा (1) कल्पलता (स्फुट संग्रह) (2) मेघदूत (अनूदित) (3) खय्याम दर्शन (4) रम्भा शुक सम्वाद प्रभृति ग्रन्थ अप्रकाशित हैं।
जीवन परिचय – कविवर भगवती शरण ‘दास’ का जन्म कायस्थ परिवार में उ.प्र. के सुल्तानपुर जिले की मुसाफिर खाना तहसील के अन्तर्गत ग्राम मनौली में सन् 1919 की मई माह की 2 तारीख को हुआ था। आपके पिता स्वनाम धन्य स्व. गंगादीन लाल थे। ‘दास’ जी संप्रति 1362 ई. गोंदू कम्पाउण्ड सिविल लाइन्स झाँसी में निवास कर रहे हैं। आपने बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की है। आपकी आजीवन अध्ययन मनन एवं काव्य सृजन की प्रवृत्ति रही उसी का परिणाम है कि हिन्दी के साथ ही संस्कृत एवं उर्दू में भी आपने विशेष ज्ञान अर्जित कर इन तीनों में समान रूप से उत्कृष्ट काव्य – सृजन किया है जो सामान्य कवि और शायर के लिए ईर्ष्या की वस्तु है। आपकी प्रथम काव्य रचना सन् 1933 में लिखी गयी थी। दास जी के काव्य में अद्वैतवाद की झलक है। उन्होंने अंग्रेजी एवं संस्कृत की कविताओं के जो हिन्दी अनुवाद किये हैं उनमें मूल काव्य की भाव संपदाओं का पूर्ण संरक्षण हुआ है तथा रस निष्पत्ति में किंचित न्यूनता नहीं आने पाई है।
दास जी की रचनाओं से परिलक्षित होता है कि वे देश की वर्तमान अवस्था से सन्तुष्ट नहीं हैं क्योंकि स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात देश में पूँजीवाद की अभिवृद्धि हुई है और जन सामान्य का शोषण। किन्तु वे निराशावादी नहीं हैं उनका विचार है एक दिन ऐसा आयेगा कि जब व्यवस्था में आमूल परिवर्तन होगा।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।