डॉ. डी.पी. खरे
September 21, 2024सुरेश नन्दन श्रीवास्तव
September 21, 2024जन्म – 1893 ई.
जन्म स्थान – आरा शहर ,बिहार
जीवन परिचय – 40-50 के दशक के लेखकों में हर प्रसाद शर्मा का नाम उल्लेखनीय है। आपकी शिक्षा-दीक्षा स्थानीय विद्यालयों में रही। आपने अतर्रा जिला बांदा के महाविद्यालय में कार्यरत रहते हुए लेखन को अंजाम दिया। आपका लिखा उपन्यास ‘हरदौल’ बहु चर्चित रहा। इसका प्रकाशन अनामिका प्रकाशन अतर्रा से हुआ।
हरदौल – यह 16-17 वीं शताब्दी की ऐतिहासिक घटना का कथानक है बुन्देला राजा ‘हरदौल’ जो महाराजा वीर सिंह जू देव (प्रथम) वीरवर पुत्र के चरित्र पर आधारित चरित्रात्मक उपन्यास है। इसकी भाषा खड़ी बोली हिन्दी एवं बुन्देली है। मंत्री कन्हर दास ने स्पष्ट किया मंत्री दरबार में कहते हैं “महाराज की जय हो। अपुन के पराक्रम से सब मंगल है। प्रजाजन स्वतंत्रता की साँस ले रहे हैं और बंदीजन अपुन के गुनगान कर जय-जयकार कर रहे हैं”
इस प्रकार उपन्यासकार हर प्रसाद शर्मा जी द्वारा प्रणीत उपन्यास बुन्देलखण्ड के साहित्य और संस्कृति के इतिहास में जगत प्रसिद्ध राजा हरदौल के जीवन चरित्र पर लिखी अच्छी कृति है।