पता – प्रसाद कॉलोनी, शहीद स्टेडियम के पास टीकमगढ़ (म.प्र.)- 472001
निधन – 12.9.2020
शिक्षा – एम.ए. (हिन्दी साहित्य) डी.पी. एड. बी.एड. पी-एच.डी.
व्यवसाय – से.नि. वरिष्ठ व्याख्याता, संस्थान कुण्डेश्वर टीकमगढ़, पूर्व प्राचार्य संतरामदास महाविद्यालय टीकमगढ़ (म.प्र.)
प्रकाशन –
कविता संग्रह- जवाहर लाल विलखता है। 2002
अज्ञात कवि लाला परमानन्द प्रधान-जीवन और साहित्य
सम्पादन- प्रमोद रामायण
उपन्यास – अभिशाप 2019 , बदला
स्वातंत्र्योत्तर साहित्य में समाज में शहीदों के रक्त-तर्पण से बहुत परिवर्तन हुये। यह देश समाज और व्यक्ति के मानस में राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के बीज का वपन जैसा कार्य हुआ। अन्तर्जातीय विवाह, जाति-पाँति के दुरुह चक्र को भेद युवा वर्ग सन्नद्ध हो देश सेवा में लग गया। डॉ. डी.पी. खरे के उपन्यास “अभिशाप” में ऐसे ही चारु चरित्रों का उल्लेख है। • यह एक सामाजिक उपन्यास है। • इसका नायक प्रभात और नायिका संध्या हैं • अन्य पात्र – दुर्गा (रजनी का पिता) • अपर्णा (प्रभात की ममेरी बहिन) • शशि (अपर्णा की बहिन) • कृष्ण गोपाल (प्रभात का मित्र) • मालती, सरिता आदि हैं। जो कथानक के बुनियाद में सहयोगी हैं।
कथावस्तु- डॉ. डी.पी. खरे के लिखे उपन्यास में राष्ट्रनिर्माण में आहुति देने वाले युवा वर्ग हैं जो स्वतंत्रता के सुप्रभात में समाजोत्थान, जाति वर्ग विभेद के मिटाने और अन्तर्जातीय विवाह सम्बन्धों को जोड़ कर राष्ट्रोत्थान में अहिर्निश संघर्षरत हैं। प्रभात वास्तव में समाज को नवीन सूर्योदय के प्रकाश अर्थात् फौजी बन इस प्राण-पण में लग जाता है। सन्ध्या प्रभात की अरुणिम सन्ध्या बेला बने उसको साथ देती है। प्रभात का शौर्य उसे अंतिम शहादत प्रदान करता है। वह अमर हो जाता है। इस उपन्यास की भाषा हिन्दी / बुन्देली है। जो बौद्धिक समाज को पढ़ने के लिये उत्प्रेरित करती हैं। सम्वाद और भाव कथानकानुरूप व पात्रानुरूप हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।