महेश कुमार मिश्र ‘मधुकर’
September 21, 2024एम. ए. हनफी
September 21, 2024जन्म – 7 सितम्बर 1941 ई.
जन्म स्थान – झाँसी
जीवन परिचय –
माता – स्व. श्यामा देवी
पिता – स्व. वंशगोपाल वकील
वर्तमान पता – मुम्बई, महाराष्ट्र
शिक्षा – एम.ए. (भाषा विज्ञान), पी.एच.डी
उपन्यास – अंधेरे से परे, मुझे चाँद चाहिये, दो मुर्दों के लिये गुलदस्ता काटना शमी वृक्ष का पदम् पंखुरी की धार से। प्रेमचन्दोत्तर काल में उपन्यासों की रचना सामाजिक नवाचार के धरातल पर हुई है। जिसमें नारी उत्थान की प्रतिबद्धता स्पष्ट दिखाई देती है। डॉ. सुरेन्द्र वर्मा के उपन्यास की पटकथा इसी पर आधारित है। आप का लिखा उपन्यास ‘मुझे चाँद चाहिए’ एक बहुचर्चित उपन्यास है।
यह एक सामाजिक उपन्यास है। यह नायिका प्रधान आख्यान है। इसकी नायिका यशोदा है और नायक हर्ष हैं। कथावस्तु इसमें यशोदा उर्फ वर्षा वशिष्ट के समाज के प्रतिबन्धों के प्रति संघर्ष की कहानी है। साधारण परिवार में जन्मी लड़की यशोदा जैसे पुराने नाम के विरूद्ध विद्रोह कर अपना नाम वर्षा वशिष्ठ रख लेती है। जो उसकी शिक्षा के बाद कार्यों में प्रतिष्ठा प्रदान करता है। वर्षा उत्तरोत्तर प्रगति कर एक सफल अभिनेत्री बन जाती है। इस काल में हर्ष से उसका प्रेम-विवाह हो जाता है और अनब्याही माँ बन जाती है। यह सब असफल प्रेम बन्धन के धागे सिद्ध होता है। किन्तु वर्षा की महत्वाकांक्षा की पूर्ति में “मुझे चाँद चाहिए” उपन्यास की कथा वस्तु बन जाती है।
भाषा-शैली – इस उपन्यास की भाषा शुद्ध हिन्दी है और कथा शैली से कथ्य को उकेरा गया है। जो शाहजहाँपुर क्षेत्र की है।
पात्र-संवाद – पात्र स्थानीय हैं और संवाद पात्रानुसार हैं।