डॉ. डी.पी. खरे “पारदर्शी”
September 23, 2024प्रभु दयाल मिश्र
September 23, 2024जन्म – सन् 1946 ई.
जन्म स्थान – ग्राम पृथ्वीपुर, टीकमगढ़, म.प्र.
जीवन परिचय – उमाशंकर खरे स्थानीय स्कूल, काॅलेज की शिक्षा प्राप्त कर अध्ययन-अध्यापन के कार्य क्षेत्रों में कार्यरत रहे। कविता आपकी प्रथम सृजन की सूत्राधार है। आपने विपुल रूप में काव्य का सृजन किया है और प्रसिद्धि पाई। उपन्यास लेखन में आप सिद्धहस्त हैं। आपके उपन्यास ओरछा की राजनर्तिकी बहुचर्चित कृति है। जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- यह चरित्रात्मक, ऐतिहासिक उपन्यास है। उपन्यास की कथावस्तु बहु चर्चित ओरछा राज्याश्रयी रायप्रवीन के जीवन चरित्र पर आधारित है। वैसे रायप्रवीन के जीवन पर बुन्देलखण्ड के अनेक लेखकों ने लिखा है। परन्तु ‘उमेश’ जी ने इस उपन्यास में उसे ओरछा की राजनर्तकी के रूप में चित्रित किया है। राज इन्द्रजीत की आश्रिता रायप्रवीन ही उपन्यास की नायिका है। अन्य पात्र सहायक मात्र है। उपन्यास की भाषा सरल हिन्दी है। पात्रानुसार भाषा के रूप भी प्रदर्शित हुये हैं। उपन्यासकार उमाशंकर खरे ने सम्वाद कथानक परिस्थिति के अनुरूप सुगठित किये हैं। ओरछा की राजनर्तकी ‘खरे’ उमाशंकर की अच्छी औपन्यासिक कृति की प्रमाण है।