इसके अतिरिक्त आपने अनेक आलेख, समीक्षाएँ आदि का लेखन किया है। वर्तमान में आप महर्षि अगस्त्य वैदिक संस्थानम् भोपाल से सम्बद्ध हैं और वैदिक साहित्य की रचना कर साहित्य-समृद्धि कर रहे हैं। आपके लिखे व प्रकाशित वैदिक उपन्यास बहुविख्यात हैं। जिनमें मैत्रेयी, उत्तर-पथ व सूर्या उल्लेखनीय हैं। मिश्र जी ने इन उपन्यासों द्वारा वैदिक-काल से लेकर अद्यतन नर-नारी सम्बन्धों को विवेचित किया है। मैत्रेयी उपन्यास – प्रभु दयाल मिश्र का प्रथम उपन्यास है। जिसका प्रकाशन चौक, वाराणसी (उ.प्र.) से हुआ है। इसके कथ्य और तथ्य इस प्रकार हैं- यह एक वैदिककाल की स्त्री-पुरूषों के सापेक्ष सम्बन्धों पर आधारित है। यह नायिका प्रधान चरित्रात्मक आख्यान है। इसकी नायिका मैत्रेयी है। इसकी कथावस्तु बृहदारण्यक उपनिषद् की ब्रह्म वादिनी मैत्रेयी की कथा पर आधारित है। जिसमें ब्रह्मज्ञान और स्त्री के सम्बन्धों को विवेचित किया है।
इस में वैदिक काल की स्त्री (मैत्रेयी) पुरुष सम्बन्धों को उजागर किया गया है। इसमें उपन्यास की कात्यायनी आज की एक सामान्य स्त्री है। वह परिवार की धुरी है और पति परायण है। इसमें स्त्री स्वत्व को कात्यायनी बचाये रखती है। यही कथा मैत्रेयी की कथा से उपन्यासकार ने जोड़ कर वैदिक (ब्रह्म ज्ञान) काल से आधुनिक काल को रेखांकित किया है। उपन्यास की भाषा सरल प्रभावोत्पादक हिन्दी है। पात्र कालगत सूत्रधार है। सम्वाद पात्रानुसार हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।