उमा शंकर खरे
September 23, 2024मृणाल पाण्डे
September 23, 2024जन्म – 1946 ई.
जन्म स्थान – टीकमगढ़ (म.प्र.)
जीवन परिचय –
वर्तमान पता – 35 ईडन गार्डन, चूना भट्टी कोलार रोड, भोपाल 16, (म.प्र.)
वर्तमान पद अध्यक्ष – महर्षि अगस्त्य वैदिक संस्थानम्
शिक्षा – एम.ए. (अंग्रेजी) भोपाल
पेशा – पूर्व संयुक्त पंजीयक, सहकारिता विभाग (म.प्र.)
काव्यानुवाद – सौंदर्य लहरी , देवात्म शक्ति , गीता फॉर ऑल
उपन्यास – मैत्रेयी , सूर्या , उत्तर पथ
इसके अतिरिक्त आपने अनेक आलेख, समीक्षाएँ आदि का लेखन किया है। वर्तमान में आप महर्षि अगस्त्य वैदिक संस्थानम् भोपाल से सम्बद्ध हैं और वैदिक साहित्य की रचना कर साहित्य-समृद्धि कर रहे हैं। आपके लिखे व प्रकाशित वैदिक उपन्यास बहुविख्यात हैं। जिनमें मैत्रेयी, उत्तर-पथ व सूर्या उल्लेखनीय हैं। मिश्र जी ने इन उपन्यासों द्वारा वैदिक-काल से लेकर अद्यतन नर-नारी सम्बन्धों को विवेचित किया है। मैत्रेयी उपन्यास – प्रभु दयाल मिश्र का प्रथम उपन्यास है। जिसका प्रकाशन चौक, वाराणसी (उ.प्र.) से हुआ है। इसके कथ्य और तथ्य इस प्रकार हैं- यह एक वैदिककाल की स्त्री-पुरूषों के सापेक्ष सम्बन्धों पर आधारित है। यह नायिका प्रधान चरित्रात्मक आख्यान है। इसकी नायिका मैत्रेयी है। इसकी कथावस्तु बृहदारण्यक उपनिषद् की ब्रह्म वादिनी मैत्रेयी की कथा पर आधारित है। जिसमें ब्रह्मज्ञान और स्त्री के सम्बन्धों को विवेचित किया है।
इस में वैदिक काल की स्त्री (मैत्रेयी) पुरुष सम्बन्धों को उजागर किया गया है। इसमें उपन्यास की कात्यायनी आज की एक सामान्य स्त्री है। वह परिवार की धुरी है और पति परायण है। इसमें स्त्री स्वत्व को कात्यायनी बचाये रखती है। यही कथा मैत्रेयी की कथा से उपन्यासकार ने जोड़ कर वैदिक (ब्रह्म ज्ञान) काल से आधुनिक काल को रेखांकित किया है। उपन्यास की भाषा सरल प्रभावोत्पादक हिन्दी है। पात्र कालगत सूत्रधार है। सम्वाद पात्रानुसार हैं।