चौबे हितराम कृष्ण
July 17, 2024कवि बोधा-पद्माकर ठाकुर की त्रिवेणी
July 17, 2024रूपसाहि
जन्म – सं. १७७० वि.
कविता काल – सं. १८०० वि.
जीवन परिचय
ग्रन्थ – रूप विलास।
रूपसाहि का जन्म पन्ना में हुआ था। आप हिन्दू सिंह महाराज के आश्रित और दरबारी कवि थे। आपकी प्रसिद्ध रचना रूप विलास है। जिसमें लगभग नौ सौ दोहे संग्रहीत है। आपकी भाषा सरल, नौरस अलंकार छन्दबद्ध मिलती है। काव्य लक्षण, नायक – नायिका भेद है। आपने षट ऋतु का वर्णन सुन्दरता से किया है-
(१) “निस अँधियारी न्यारी छरै हियरा सौ हेलौ,
झिल्ली दुखकारौ वटयारौ अधिकारी है।
धराधर धारौ धराधर अनुहारौ कल
कुंजन विहारौ बिन विकल विचारौ है।
कीरत कुमरौ सुकुमारौ राधे प्यारौ पर,
धावौ सँवरारौ मारौ साधि दावारौ है।”
फागुन वर्णन-
(२) “चंदन चोबा अबीर लगावत, गाई परस्पर केसर डारी,
कंचन की पिचकारिन मारत माठ भरे रुचि रोचन रोरी।
अंजन-रजित अघित के दसरथ्य-किसोर विदेह विसोरी
संग-सखी-सखा फूले फिरै कवि फागुन में खुलि खेलत होरी।”