
पारसी रंगमंच के परिप्रेक्ष्य में बुन्देलखण्ड का चरखारी थियेटर एवं लोक रंग
August 12, 2024
स्थिति और विस्तार
September 16, 2024डॉ. गंगाप्रसाद गुप्त ' बरसैंया'

जन्म – 6 फरवरी, 1937
जन्म स्थान -भौरी (जिला बाँदा अब चित्रकूट उ.प्र.)
जीवन परिचय
सेवा – म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में व्याख्याता, प्राध्यापक, प्राचार्य, स्नातकोत्तर प्राचार्य पद से 31-12-96 को सेवानिवृत्त।
योग्यता – एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी. (सन् 1964) जबलपुर वि.वि.
विषय – हिन्दी साहित्य में व्यक्तिवादी निबन्ध और निबन्धकार
कृतियाँ –
- हिन्दी साहित्य में व्यक्तिवादी निबन्ध और निबन्धकार
- छत्तीसगढ़ का साहित्य और उसके साहित्यकार
- आधुनिक काव्य: सन्दर्भ और प्रकृति
- हिन्दी के प्रमुख नाटककार एवं नाटककार
- बुन्देलखण्ड के अज्ञात रचनाकार (शोध-निवन्धों का संग्रह)
- चिंतन-अनुचिंतन (महत्वपूर्ण निबंध)
- हिन्दी का प्रथम अज्ञात सुदामा चरित्र (सम्पादन)
- बौर विलास (आल्हा सम्बन्धी प्राचीनतम पाण्डुलिपि)
- अरमान वर पाने का (व्यंग्य लेखों का संग्रह)
- निन्दक नियरे राखिये (व्यंग्य लेखों का संग्रह)
- अथ काटना कुत्ते का भइया जी को (व्यंग्य-संग्रह)
- कर्म और आराधना (चिन्तनपरक आलेख)
- रचना से रचना तक। (समीक्षात्मक लेखों का संग्रह)
- तुलसी के तेवर
- रास विलास (सं.)
- मेरी जन्मभूमि: मेरा गाँव
- कभी-कभी यह भी (काव्य-संग्रह)
- नारी: एक अध्ययन
- बुन्देली: एक भाषा वैज्ञानिक अध्ययन (सम्पादन)
- मानस मनीषा
- रूपक और साक्षात्कार
- विन्ध्यालोक (सम्पादन)
- लोक वाटिका
- शब्दों के रंग: बदलते प्रसंग
- रचना अनुशीलन (समीक्षा)
- सूजन-विमर्श (समीक्षा)
- खरी-खरी (काव्य)
- संवाद: साहित्यकारों से
- एकल संकलन
- मध्यकालीन काव्य
- बुन्देलखण्ड का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य
- बुन्देली धरा के अनखुले पृष्ठ
- छत्तीसगढ़ की साहित्यिक-विभूतियाँ
- मनोभूमि के विविध रंग
- छतरपुर जिले का साहित्यिक गजेटियर (अप्रकाशित)
- आठ रूपक (अप्रकाशित)
- बुंदेली विविध
अन्य प्रकाशन – लगभग 200 शोधपरक निबन्धों का देश की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन तथा अनेक ग्रन्थों का संकलन। समय-समय पर अनेक शोध पत्रिकाओं, स्मारिकाओं व ग्रन्थों का सम्पादन।
शोध निर्देशन – 12 शोध छात्रों को मेरे निर्देशन में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त। लघु शोध-प्रबन्धः लगभग 20 शोध-प्रबन्ध निर्देशन में प्रस्तुत।
संपादन – ‘नव-ज्योति’, ‘राष्ट्रगौरव’, ‘संज्ञा’ और ‘बंधु’ पत्रिकाओं के संपादक।
पूर्व में विश्वविद्यालयों से सम्बन्धित -
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा –
1. अध्यक्ष-हिन्दी अध्ययन मण्डल
2. अध्यक्ष शोध उपाधि समिति
3. अध्यक्ष-परीक्षा समिति
4. सदस्य विद्या परिषद
5. सदस्य-कार्य परिषद
6. डीन- कला संकाय
जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर –
1. विशेषज्ञ सदस्य (समन्वित) हिन्दी अध्ययन मंडल
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर –
1. विशेषज्ञ सदस्य (समन्वित) हिन्दी अध्ययन मंडल अनेक विश्वविद्यालयों के पंजीकृत शोध निर्देशक, परीक्षक आदि।
साहित्यिक सम्बद्धता
- मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य
- बुन्देलखण्ड कला संस्कृति परिषद, छतरपुर के संस्थापक एवं अध्यक्ष
- म.प्र. आंचलिक साहित्यकार परिषद के उपाध्यक्ष एवं छतरपुर इकाई के अध्यक्ष
- कला परिषद, टीकमगढ़ के संस्थापक पूर्व अध्यक्ष
- अ.भा. भाषा साहित्य सम्मेलन म.प्र. इकाई की का. का. के सदस्य एवं छतरपुर इकाई के अध्यक्ष
- अन्य अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध
- अखिल भारतीय स्तर पर केशव जयन्ती समारोह ओरछा तथा बुन्देली समारोह आदि का अनेक बार आयोजन एवं संयोजन
- पिछले 35 वर्षों से बुन्देलखण्ड के अज्ञात साहित्य पर शोध कर रहे लगभग 50 अज्ञात लेखकों की रचनाओं का प्रथम प्रकाशन
- महाकवि केशव अनुसन्धान केन्द्र ओरछा (रीवा वि.वि.) के दो वर्ष तक संचालक (डायरेक्टर)
- छत्रसाल मेमोरियल ट्रस्ट, प्रणवानंद जनकल्याण ट्रस्ट और टौरिया ट्रस्ट के पूर्व सदस्य
- विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन सहित अनेक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता
- राष्ट्रीय स्तर की अनेक साहित्यिक संगोष्ठियों व सेमीनारों का संयोजन व संचालन।
सम्मान-पुरस्कार-अलंकार-
- महामहिम उप-राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल जी शर्मा द्वारा अ.भा. भाषा साहित्य सम्मेलन की ‘साहित्य श्री’ उपाधि से सम्मानित तथा सम्मेलन द्वारा सर्वोच्च राष्ट्रीय अलंकरण’ भारत भाषा भूषण एवं सरस्वती सम्मान’।
- म.प्र. लेखक संघ भोपाल का डॉ. सन्तोष तिवारी समीक्षा सम्मान व पुरस्कार 2005 में म.प्र. के महामहिम राज्यपाल डॉ. बलराम जाखड़ द्वारा अलंकृत।
- कादम्बिनी क्लब जबलपुर म.प्र. द्वारा अखिल भारतीय ‘सेठ गोविन्ददास पुरस्कार’ से अलंकृत।
- अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा ‘साहित्य वारिधि’ अलंकार।
- लोक-मंगल एवं लोक-संस्कृति सेवा निधि ट्रस्ट, उरई उ. प्र. द्वारा ‘गौरीशंकर द्विवेदी अलंकरण’ एवं पुरस्कार।
- बांदा जनपद का तुलसी पुरस्कार तथा सार्वजनिक अभिनन्दन।
- वीरेन्द्र केशव साहित्य परिषद, टीकमगढ़ द्वारा ‘बुन्देल वारिधि’ पुरस्कार।
- बुन्देली विकास संस्थान बसारी म.प्र. द्वारा राव साहब बुन्देला सम्मान।
- हिन्दी प्रचारिणी सभा, कानपुर उ.प्र. द्वारा’ साहित्य भारती’ से अलंकृत।
- अ.भा. भाषा साहित्य सम्मेलन द्वारा विद्रोही पुरस्कार से पुरस्कृत।
- लायन्स क्लब छतरपुर द्वारा छतरपुर गौरव सम्मान।
- आकाशवाणी छतरपुर की सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य।
- रामायणम ट्रस्ट अयोध्या, उ.प्र. द्वारा पं. रामकिंकर सम्मान।
- ओरछा महोत्सव व केशव जयन्ती समारोह समिति द्वारा ‘मित्र मिश्र अलंकरण’ एवं पुरस्कार।
प्रशासनिक अनुभव
- 40 वर्षों तक हिन्दी के आचार्य, विभागाध्यक्ष एवं स्नातक व स्नातकोत्तर प्राचार्य, म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत महाविद्यालयीन सेवा के अन्तर्गत।
- दो वर्ष तक महाकवि केशव अनुसन्धान केन्द्र ओरछा (रीवा वि.वि.) के संचालक (डायरेक्टर)।
- हरिसिंह गौर वि.वि. सागर तथा रविशंकर वि.वि. रायपुर से दो शोधार्थियों को साहित्य पर पी-एच. डी. उपाधियाँ प्राप्त।
- अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष संचालक आदि।
स्थायी निवास – ए-7, फारचून पार्क, जी-3, गुलमोहर, भोपाल (म.प्र.)
462039 मो. 9425376413