
भामौन
July 25, 2024
पचराई
July 25, 2024स्थिति
बुन्देलखंड के उत्तर- पश्चिम में चौरासी क्षेत्र, विंध्यांचल पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य, वेत्रवति, उर्वशी और मधुमति सरिताओं से परिवेष्ठित म.प्र. के शिवपुरी व गुना जिलों के अंचल को कहा जाता है। इस अंचल में अनेक जैन तीर्थ क्षेत्र दर्शनीय हैं। जैसे- चंदेरी, बूढ़ी चंदेरी, गोलाकोट, पचराई इत्यादि।
शिवपुरी जिला मुख्यालय से चन्देरी जाने वाले मार्ग में खनियाधाना से दक्षिण की और 8 कि. मी. व बामौर कलां ग्राम से उत्तर की ओर 8 कि.मी. दूर स्थित गोलाकार पहाड़ी पर अतिशय दिगम्बर जैन क्षेत्र गोलाकोट (गृड़र) दर्शनीय है।
इतिहास/पुरातत्व
लगभग 2500 वर्ष प्राचीन इस जैन क्षेत्र में प्राकृतिक रमणीयता के मध्य एक विशाल जिनालय के तीन बराम्दों में सहस्त्रों प्राचीन तीर्थंकर मूर्तियाँ विद्यमान हैं। इनमें अधिकांश मूर्तियाँ खण्डित हैं। मूर्ति-लेखों से इनका रचना काल वि. संवत् 1000 से 1200 अर्थात् सन् 943 से 1143 पुष्ट होता है। दसवीं शताब्दी में निर्मित इन कलावशेषों में से अनेक मूर्तियों को विधर्मियों ने न केवल खण्डित किया है, कतिपय मूर्तियाँ चोरी भी हो गई।