
गोलाकोट
July 25, 2024
बजरंगढ़
July 25, 2024स्थिति
शिवपूरी जिले के खनियाधाना से ईसागढ़ मार्ग पर मात्र 16 कि.मी. दूर अतिशय दिगम्बर जैन क्षेत्र पचराई विद्यमान है। मध्य रेलवे लाइन के बसई स्टेशन से 48 कि.मी. दूर बस द्वारा पचराई पहुंचा जा सकता है। शिवपुरी से रन्नोद होकर 75 कि.मी. की दूरी तय कर भी पचराई पहुंचते हैं।
इतिहास
पचराई की शिल्पकला 11वीं शताब्दी की है। अनेक शिलालेख वि.सं. 1122, 1210 और 1345 के भी उपलब्ध हैं।
पुरातत्व
पचराई जैन क्षेत्र एक अहाते में परकोटा से आवृत्त 28 जिनालयों का समूह है। मुख्य मंदिर शीतलनाथ स्वामी का है जिसमें खड़गासन, 12 फुट की अवगाहना पर देशी पाषाण कृत तीर्थंकर शीतलनाथ जी वन्दनीय है। अनेक मूर्तियों में 453 मूर्तियाँ अभी भी अखण्डित दर्शनीय हैं। कतिपय मूर्तियों पर किया गया हीरे का पालिस उनके सौन्दर्य को चमकदार बनाये हुये हैं। 1200 वर्ष प्राचीन यह क्षेत्र जर्जर हो रहा है हालाँकि सन् 1965 में साहू जैन ट्रस्ट द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया जा चुका है। यहाँ का निर्माता भी पाणाशाह को माना जाता है। इस क्षेत्र पर धर्मशाला, बावड़ी और उदासीन आश्रम भी हैं।