शिवपूरी जिले के खनियाधाना से ईसागढ़ मार्ग पर मात्र 16 कि.मी. दूर अतिशय दिगम्बर जैन क्षेत्र पचराई विद्यमान है। मध्य रेलवे लाइन के बसई स्टेशन से 48 कि.मी. दूर बस द्वारा पचराई पहुंचा जा सकता है। शिवपुरी से रन्नोद होकर 75 कि.मी. की दूरी तय कर भी पचराई पहुंचते हैं।
इतिहास
पचराई की शिल्पकला 11वीं शताब्दी की है। अनेक शिलालेख वि.सं. 1122, 1210 और 1345 के भी उपलब्ध हैं।
पुरातत्व
पचराई जैन क्षेत्र एक अहाते में परकोटा से आवृत्त 28 जिनालयों का समूह है। मुख्य मंदिर शीतलनाथ स्वामी का है जिसमें खड़गासन, 12 फुट की अवगाहना पर देशी पाषाण कृत तीर्थंकर शीतलनाथ जी वन्दनीय है। अनेक मूर्तियों में 453 मूर्तियाँ अभी भी अखण्डित दर्शनीय हैं। कतिपय मूर्तियों पर किया गया हीरे का पालिस उनके सौन्दर्य को चमकदार बनाये हुये हैं। 1200 वर्ष प्राचीन यह क्षेत्र जर्जर हो रहा है हालाँकि सन् 1965 में साहू जैन ट्रस्ट द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया जा चुका है। यहाँ का निर्माता भी पाणाशाह को माना जाता है। इस क्षेत्र पर धर्मशाला, बावड़ी और उदासीन आश्रम भी हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।